शहादत दिवस के अवसर पर नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में कार्यक्रम का आयोजन
नेताजी सुभाष परिवार के परिसर में भगत सिंह, शिवराम हरि राजगुरु और सुखदेव थापर की शहादत दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. पी.के पाणि ने स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीरों पर पुष्प चढ़ाकर कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसके पश्चात विश्वविद्यालय के अन्य पदाधिकारियों ने बलिदानियों की तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
बलिदानियों की शहादत से हम यह सिखते हैं कि राष्ट्रहित ही सर्वोपरि है: प्रो. डॉ. पी.के. पाणि
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन वक्तव्य में कुलपति ने कहा “वर्त्तमान भारत की सफलताएँ, भारत के इतिहास के उन संघर्षों का परिणाम है जिसने भारत को एकता के एक सूत्र में बांधकर भारत के स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों को हमेशा के लिए इतिहास के पन्नों में अमर कर दिया।
आज 23 मार्च को संपूर्ण भारत पूरे गर्व के साथ शहादत दिवस के रूप में भारत के उन तीन अमर सपूतों के बलिदान को याद करता है जिन्होंने न केवल अपने जीवित रहते हुए त्याग और सच्ची देश सेवा के उदाहरण पेश किये बल्कि मृत्यु के समय भी हमेशा के लिए यह मिशाल कायम किया कि किसी भी देशवासी के लिए उसका राष्ट्र ही सर्वोपरि होना चाहिए।
भगत सिंह, शिवराम हरि राजगुरु और सुखदेव थापर की बलिदान की कहानियां ना केवल वर्त्तमान भारत बल्कि भारत की भावी पीढ़ियों के लिए भी प्रकाश पुंज का काम करेंगी और हमेशा हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगी। हम नेताजी सुभाष परिवार आज पूरे श्रद्दाभाव से इन्हें इनके शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।”
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में विश्वविद्यालय के सभागार में देशभक्ति की मूल भावना पर भी आधारित काव्य पाठ, गीत प्रस्तुति, भाषण और दूसरी गतिविधियों का आयोजन किया गया जिसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति दी।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो. डॉ. आचार्य ऋषि रंजन, कुलसचिव नागेंद्र सिंह, परीक्षा नियंत्रक मोईज अशरफ, प्रशासनिक अधिष्ठाता नाजिम खान, अकादमिक अधिष्ठाता दिलीप शोम, वित्त अधिकारी वाई ज्योति लक्ष्मी, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य, शिक्षकेत्तर और गैर शिक्षकेत्तर कर्मचारी और विश्वविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहे।